नागरिकता कानून पर पुणे में ऐतिहासिक प्रदर्शन


उमर खालिद, फहाद, कोलसे पाटिल, पूर्व आईपीएस हर्षमंदर, रहमानी ने सरकार को लिया आडे हाथों
 कहा-मोदी-शाह की जोडी का कानून नहीं मानें देशवासी
यूपी के सीएम योगी को बताया कातिल, लगाया दंगा खुद कराने का अरोप
पुणे, 29 दिसंबर, भा.प्र.: नागरिकता कानून, संभावित एनआरसी और अभी हाल में ही केंद्र सरकार द्वारा घोषित किए गए एनपीआर प्रक्रिया के खिलाफ आज पुणे में ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन किया गया। पुणे के काउंसिल हाल अर्थात विधानभवन के सामने किए गए इस ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शस से  पहले शहर के ईदगाह मैदान से विधानभवन तक एक  बडी रैली निकाली गई जिसमें हाजरों की संख्या में लोग शामिल हुए। रैली में मुस्लिम महिलाओं की भी संख्या उल्लेखनीय रही। इस रैली व विरोध प्रदर्शन का आयोजन कुल जमाते तंजीम, पुणे, की ओर से किया गया था। शहर के विभिन्न भागों से गुजरते हुए करीब 2 बजे यह रैली विधानभवन पहुंची और शाम करीब पांच बजे तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहा। इस दौरान विवादित छात्र नेता उमर खालिद, मुंबई के फहाद अहमद, पूर्व न्यायाधीश बीजी कोलसे पाटिल, गुजरात के  पूर्व आईपीएस अधिकारी हर्षमंदर, दिल्ली के फायरब्रांड मुस्लिम नेता तस्लीम रहेमानी मुफ्ती शाहिद, शिया धर्म गुरू मौलाना जैदी, जाहिद, हाजी अब्दुल गफ्फार, मुनव्वर कुरेशी, वारकरी संप्रदाय के दादा पंगलकर, इलियास मोमिन, आरपीआई युवा नेता राहुलदाभाडे, एसडीबीआई के लियाकत भाई, नीरज जैन, पुणे कैन्टोबोर्ड के पूर्व नगरसेवक मंसूर शेख आदि ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया । 


 अपने संबोधन के दौरान मुंबई के फहाद अहमद ने आक्रामक भाषण की शुरूवात करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर शब्दों का जबरदस्त प्रहार किया और मोदी-शाह की जोडी को गुंडो की जोडी बताने से भी परहेज नहीं किया। इसके बाद दिल्ली से आए मुस्लिम समाज के फायरब्रांड नेता तस्लीम रहेमानी ने जब मंच पर बोलना शुरू किया तो न केवल मोदी शाह को अनपढ और फसादी बताया बल्कि रहेमानी ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी कातिल करार दे दिया। रहेमानी ने कहा कि योगी पर अनेकों संगीन मामलों के मुकदमें दर्ज थे जिसे अब उन्हीं की सरकार वापस ले रही है। रहमानी ने यूपी में हुई हिंसा के लिए सीधे तौर पर योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि यूपी में प्रदर्शन के दौरान दंगे योगी सरकार ने खुद करवाए और बेगुनाह लोगों को मरवा दिया। रहेमानी ने तीन तलाक, धारा 370 और नागरिकता कानून के साथ्
ा ही एनपीआर और एनआरसी के लिए विपक्षी पार्टियों को भी जिम्मेदार ठहराया और कहा कि आज जो सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं संसद में इन्हीं लोगों ने सरकार का साथ दिया था।  
 मुंबई हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस बीजी कोलसे पाटिल ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार के खिलाफ खासकर पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ अनेकों आपत्तिजनक टिप्पणियां की और कहा कि मेरा बहुत पुराना सपना था कि आदिवासी दलित और इस देश का मुस्लिम एक मंच पर आ जाए। आज यह सपना पूरा हो गया है और अब सरकार को झुकना ही होगा वर्ना सरकार की जेलें कम पड जाएंगी। कोलसे पाटिल ने आवाहन करते हुए कहा कि नागरिकता कानून को मानने से देशवासी पूरी तरह नकार दें, सरकार द्वारा मांगे जाने वाले किसी भी जवाब व डाकूमेंट को कतई न दें। उन्होंने यह कानून न मानने के लिए उपस्थित जन समुदाय को शपथ भी दिलाया । 
 हमेशा विवादों में रहने वाले छात्रनेता उमर खालिद ने अपने संबोधन के दौरान हिंसा न करने और गंधी की तर्ज पर अहिंसक आंदोलन करने की नसीहत तो जनसमुदाय को दिया किंतु खालिद ने केेंद्र सरकार विशेषकर मोदी शाह की जोडी और यूपी की योगी सरकार पर अपने शब्दों के विषबुझे तीर जमकर चलाए। 
 खालिद ने कहा कि देश को आजादी दिलाने के लिए जिन शहीदों ने अपने प्राणों की बाजी लगाई उनमें से एक भी ऐसा नहीं था जो हिन्दू राष्ट चाहता रहा हो। अब की सरकार 70 साल बाद देश के मुसलमानों से उनके राष्ट्रभक्ति का सबूत मांग रही है। आखिर मुसलमान को ही शक की नजर से क्यों देखा जाता है ? यह सवाल खडा करते हुए खालिद ने कहा कि मुसमानों से सरकार उनके वतनपरस्ती का आखिर क्या सबूत चाहती है? 
 खालिद ने अपने भाषण के दौरान युपी की योगी सरकार पर प्रदर्शनकारियों को कत्ल कराने का आरोप लगाया और सीएम योगी को ढोंगी बाबा बताते हुए कहा कि जिस सरकार ने दारापुरी जैसे निष्ठावान पूर्व आईपीएस अधिकारी को दंगाई बताते हुए जेल में डाल दिया उस आदित्यनाथ और उसकी सरकार से मुसलमानों की हिमायत की उम्मीद कैसे की जा सकती है? 
 अंत में गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी डा. हर्षमंदर ने आंदोलनकारियों को संबोधित किया और बताया कि किस प्रकार मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए और शाह के इशारे पर गुजरात में जुल्म-ओ-सितम ढाए गए। 
 बहरहाल पुणे पुलिस ने इस आक्रामक आंदोलन को बडी ही सूझ-बूझ के साथ संभाला और बिना कोई हिंसा के यह आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके संपन्न हो गया। सुरक्षा के लिए बडी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।