पुणे से मोदी सरकार पर पायलट प्रहार


केंद्र की दमनकारी नीतियां देश के लिए घातक: सचिन पायलट
कहा-धर्म के आधार पर नहीं तय होता राष्ट्रप्रेम


पुणे, 26 दिसंबर, भा.प्र.: केंद्र सरकार पिछले कुछ महीनों से जिस प्रकार एक के बाद एक बिल लाकर, कानून बनाकर, देश के मुसलमानों को टार्गेट कर रही है, दमनकारी नीतियां अपना रही है वह देश के लिए घातक है।  धर्म के आधार पर किसी के राष्ट्रप्रेम के पैमाने को नापना ठीक नहीं है और यह संविधान संगत भी नहीं है। यह मत कांग्रेस पार्टी के युवा नेता सचिन पायलट ने आज यहां पुणे में व्यक्त किया। 



 सचिन पायलट यहां पुणे में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। इस अवसर पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष व राज्य सरकार के पूर्व मंत्री रमेशदादा बागवे व वरिष्ठ नेता उल्हासदादा पवार मंच पर मौजूद थे। इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नगरसेवक आबा बागुल, पूर्व शहराध्यक्ष एड अभय छाजेड सहित कई दिग्गज नेता भी यहां मौजूद थे। 
 अपने संबोधन में सचिन पायलट ने मोदी सरकार को आडे हाथों लेते हुए  तीन तलाक से लेकर नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी जैसे मुद्दों को उठाया और कहा कि यह सबकुछ मुसलमानों को टार्गेट करके किया जा रहा है। मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने के लिए की जा रही यह सरकारी साजिश है।  



 सचिन पायलट ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब देश बेरोजगारी, महंगाई, खस्ताहाली के दौर से गुजर रहा है, उस समय केंद्र सरकार इस समस्या से उबरने के उपाय ढूंढने की अपेक्षा नित नए-नए विवादास्पद कानून लाकर, नया-नया बखेडा व हंगामा खडा करवा रही है। इससे यह स्पष्ट है कि सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए मुसलमानों को टार्गेट कर रही है। 
 पायलट ने कहा कि नागरिकता कानून का देशभर में ऐतिहासिक विरोध हुआ। सरकार एनआरसी भी लाने को आतुर है।  इसे लेकर हिंसक विरोध हुआ। दिल्ली और यूपी सहित कई राज्यों में हिंसक वारदातें हुईं और लोगों की जानें गईं। बावजूद इसके सरकार ने एनपीआर का निर्णय ले लिया। वास्तव में यह एनपीआर यानी कि नेशनल पापुलेशन रजिस्टर एनआरसी से ठीक पहले शुरू होने वाली प्रक्रिया है । इसे एनआरसी से अलग करके नहीं देखा जा सकता है। 



 पायलट ने कहा कि जो घुसपैठिए हैं उनको चिन्हित किया जाता और यह देखा जाता कि कौन शरण देने याग्य है उसे भारत में शरण दी जाती और जो संदिग्ध मिलता उस पर नियमानुसार कडी कार्रवाई कर देश से वापस कर दिया जाता । इस मामले में धार्मिक आधार पर भेदभाव करते हुए मुसलमानों की विश्वसनीयता पर सवाल खडा करते हुए पडोसी मुल्क से आए बहुसंख्यकों के नाम पर देश के सभी मुसलमानों को नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी के नाम पर लाइन में  खडा कर देना कत्तई उचित नहीं है। 



 पायलट ने मोदी सरकार पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार लोग आंदोलन क्यों कर रहे हैं, भीड हिंसा पर क्यों उतारू हो रही है, उसे कौन सी बात चुभ रही है यह जानने की न तो कोशिश की और न ही इस संबंध में संबंधित पक्ष से अथवा देश की विपक्षी पार्टियों से संवाद स्थापित करने का ही प्रयास किया। सरकार एक के बाद एक मुसोलिनी और हिटलर की तर्ज पर मुसलमानों को टार्गेट करते हुए निर्णय लेती जा रही है जिसका कांग्रेस पार्टी पुरजोर शब्दों में निंदा करती है।